संधि एवं संधि विच्छेद/हिन्दी/हिन्दी व्याकरण
संधि एवं संधि विच्छेद/हिन्दी व्याकरण संधि का अर्थ है- जुड़ना। वर्णो के परस्पर मेंल (जुड़ने ) पर उत्पन्न ध्वनि विकार या ध्वनि परिवर्तन को संधि कहते है। वर्णऔर अक्षर में भेद वर्ण का अर्थ होता है -चिन्ह। वर्ण भाषा के लिखित रुप की लधुतम इकाई है।लिखित भाषा में मूल ध्वनियों के लिए जो चिंह मान लिए गए है,उन्हे वर्ण कहा जाता है। जैसे कि 'मेंवात' शब्द है उसमें छः ध्वनिया है म्+ए+व्+आ+त्+अ अक्षर भाषा कि मोखिक इकाई है। इसमें एक बार में उच्चारित ध्वनि को विभाजित नहि कीया जा सकता हैं। जैसे 'मेवात' शब्द में मे+वा+त (कुल तीन )अक्षर है। संधि में जिन वर्णो का मेल होता हैवे स्वर व्यंजन या विसर्ग हो सकते है। संधि के प्रकार इस प्रकार संघि के तीन भेद होते है- 1.स्वर संधि 2.व्यंजन संधि 3.विसर्ग संधि हिन्दी वर्ण माला(स्वर) <<<ये भी पढ़े इस पोस्ट में संधि का अर्थ और प्रकार बताया गया है।